निर्भया के दोषी विनय ने अब दया याचिका खारिज होने के फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती

 


निर्भया के दोषी विनय ने अब दया याचिका खारिज होने के फैसले को हाईकोर्ट में दी चुनौती


नई दिल्ली। निर्भया के चार दोषियों में शामिल विनय शर्मा ने अब फिर से फांसी को टलवाने के एक नया पैंतरा अपनाया है। विनय ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के फैसले का चुनौती दी। विनय के वकील ने याचिका में दावा किया कि एक फरवरी 2020 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा उनके मुवक्किल की दया याचिका खारिज किए जाने में प्रक्रियागत खामियां और संवैधानिक अनियमितताएं थीं। उन्होंने कहा कि याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री में दायर की गई है। उन्होंने दावा किया है कि दया याचिका खारिज करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजी गई अनुशंसा में दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन के हस्ताक्षर नहीं हैं।


 

याचिका के मुताबिक मामले को जब उच्चतम न्यायालय के समक्ष उठाया गया तो केंद्र ने कहा था कि मंत्री सत्येन्द्र जैन के हस्ताक्षर व्हाट्सएप पर ले लिए गए थे। एपी सिंह ने दावा किया कि जब दया याचिका दायर की गई थी, उस समय चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू थी और जैन उस वक्त केवल विधायक उम्मीदवार थे क्योंकि चुनावों की घोषणा हो चुकी थी और इसलिए वह गृह मंत्री की शक्ति का इस्तेमाल नहीं कर सकते थेे।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि दया याचिका खारिज करने के लिए इस्तेमाल की गई शक्तियां अवैध, असंवैधानिक, न्यायिक विफलता और भारत के निर्वाचन आयोग के संवैधानिक मूल्यों की विफलता है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों विनय (26), अक्षय कुमार सिंह (31), मुकेश कुमार सिंह (32) और पवन कुमार गुप्ता (26) को 20 मार्च की सुबह फांसी पर लटकाने के लिए चौथा डेथ वारंट पांच मार्च को जारी किया था।